नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन करते मंगलवार को कहा कि इस घटना को एक साल हो गया है लेकिन सरकार ने इस मामले में अभी कई सवालों के जवाब नहीं दिए।
सोनिया गांधी ने यहां जारी बयान में कहा कि पिछले वर्ष 15-16 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में बिहार रेजिमेंट के 20 बहादुर सैनिक और उनके कंमांडिंग अफसर शहीद हो गए थे। उनकी शहादत की पहली वर्षगांठ पर कृतज्ञ राष्ट्र के साथ पार्टी भी अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को नमन करती है।
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उन्होंने कहा कि आश्चर्य इस बात का है कि एक साल पहले हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर स्थिति साफ होने और उस समय की परिस्थितियों के बारे में देश की जनता को अब भी असलियत जानने का इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना को लेकर देश को आश्वस्त किया था कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस जानना चाहती है कि अब तक इस संबंध में स्पष्ट बयान सरकार की तरफ से क्यों नहीं आया है। एक साल पहले मोदी ने कहा था कि चीनी सैनिकों ने सीमा का उल्लंघन नहीं किया था। कांग्रेस ने मोदी के बयान के संदर्भ में कई बार स्थिति साफ करने का आग्रह किया लेकिन कोई जवाब सरकार की तरफ से अब तक नहीं आया।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार बताए कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने की दिशा में क्या कदम उठाए गए है। चीन के साथ संबंध में अब तक जो भी बात हुई है उसमें भारत की स्थिति क्या है। उन्होंने सरकार से इस संबंध में पूरे देश को विश्वास में लेकर कदम उठाने की अपील की है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए चीनी सैनिकों के साथ झड़प में प्राण न्योछावर करने वाले बिहार रेजिमेंट के 20 जवानों की शहादत को नमन किया और कहा कि इस घटना को लेकर अभी कई सवालों के जवाब आने बाकी है। सरकार को चाहिए कि वह स्थिति को लेकर देश को अवगत कराए।
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कांग्रेस संचार विभाग की प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “गलवान में देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सपूतों को सादर नमन। हमारे 20 योद्धाओं को शहीद हुए एक साल हो गया। चीनी आज भी हमारी ज़मीन पर जबरन क़ाबिज़ हैं। मोदी सरकार देश की रक्षा में विफल रही है।”