पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से 27 सितंबर को पेश विश्वास प्रस्ताव सोमवार को “सर्वसम्मति से” पारित हो गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने कहा, “ 93 विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है और कोई भी इसके खिलाफ नहीं है।”
वहीं, कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया जबकि भारतीय जनता पार्टी के दोनों विधायक पहले ही सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके थे। उन्होंने आप सरकार पर विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाकर संविधान की खिलाफवर्जी करने का इल्जाम लगाया है। विश्वास प्रस्ताव पर लंबी बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने इस पर मतदान कराया। उन्होंने प्रस्ताव का हिमायत करने वाले विधायकों से हाथ उठाने को कहा था और इसके बाद उन सदस्यों की राय ली जो प्रस्ताव के खिलाफ थे।
सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों जरूरी हैं। कांग्रेस विधायक ऑपरेशन लोटस के समर्थन में वॉकआउट करते हैं जबकि कई राज्यों में कांग्रेस खुद इससे पीड़ित है। कई राज्यों में कांग्रेस विधायक दलबदल रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पहले प्रश्नकाल आता है और फिर शून्यकाल आता है। इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही को उचित तरीके से संचालित करने की अपील की। बाजवा ने कहा कि पंजाब के असली मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।