त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधायक दल की बैठक में माणिक साहा को अपना नेता चुन लिया है। वो ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रतिमा भौमिक को राज्य की सीएम चुन सकता है।
इससे पहले, ऐसी अटकलें थीं कि माणिक साहा संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के लिए कुर्सी छोड़ सकते हैं। पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि साहा अभी तक विवादों में नहीं रहे हैं और वह जनजातीय इलाकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, जिन्होंने ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग को लेकर व्यापक पैमाने पर टिपरा मोथा का समर्थन किया है।
भाजपा की त्रिपुरा इकाई के एक उपाध्यक्ष ने साहा के बारे में कहा है, ‘‘वह शिक्षित हैं, सभ्य हैं और उनकी छवि भी साफ सुथरी है। मुझे उम्मीद है कि विधायक दल की बैठक में उनके अलावा किसी और का नाम नहीं आएगा।” शपथ ग्रहण समारोह आठ मार्च को होगा।
यहां 81.1 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर कुल 259 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी। इस चुनावों में बीजेपी और आईपीएफटी ने मिलकर चुनाव लड़ा। बीजेपी की ओर 55 सीटों पर उम्मीदवार मैदान उतरे तो उसकी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा।
कौन हैं माणिक साहा
माणिक साहा साल 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले वे कांग्रेस में थे। बीजेपी से जुड़ने के बाद उन्हें बूथ प्रबंधन समिति और राज्य स्तरीय स्दस्यता अभियान के प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया था। माणिक साहा को सीएम बनने से एक महीने पहले ही राज्यसभा सांसद चुना गया था। सीएम बनाए जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी थी।