महाराष्ट्र में किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। बीजेपी ने जहां सरकार बनाने के लिए मना कर दिया है तो वहीं कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार मंथन चल रही है। कॉमन मिनिमन प्रोग्राम को लेकर पहली बार गुरुवार को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच साझा बैठक हुई।
कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने में हो रही देरी पर कहा कि तीनों पार्टियों की रोज मीटिंग चल रही है। मामला जल्द हल हो जाएगा। बीजेपी को सत्ता में आने रोकना है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हो रही है। वहीं, सावरकर को शिवसेना द्वारा भारत रत्न दिलाने के नाम पर हुसैन दलवई भाग खड़े हुए हैं।
इस बीच अस्पताल से घर आए संजय राऊत ने एक बार फिर बीजेपी पर वचन तोड़ने का आरोप लगाया। इस बार उनके निशाने पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह थे।
मुंबई में जहां तीनों दलों की समन्वय समिति के सदस्यों की बैठकों का दौर जारी है वहीं एनसीपी नेता शरद पवार दो दिन के लिए विदर्भ के दौरे पर चले गए हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी किसानों से मिलने के लिए मुंबई के बाहर जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा, विधान परिषद चुनाव, बीएमसी जैसे मुद्दों को सुलझाने से पूर्व ही तीनों दल सरकार गठन के फार्मूले पर पहले ही सहमत हो गए हैं। इस फार्मूले के तहत सीएम का पद ढाई-ढाई साल के लिए शिवसेना और एनसीपी को मिलेगा। इसके बदले कांग्रेस को पूरे कार्यकाल के लिए डिप्टी सीएम का पद मिलेगा। कुल 42 मंत्री बनाए जाने और इन पदों को तीन बराबर हिस्सों में बांटने पर सहमति है। हालांकि गृह, वित्त, कृषि जैसे मंत्रालयों पर फैसला अंतिम दौर की बैठक में होगा।