नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने साेमवार को कहा कि उनकी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को राजनीतिक आरक्षण देने के संबंध में अदालत के आदेश का अध्ययन कर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को समझकर उचित फैसला लेगी।
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मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र मंडल आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद ओबीसी आरक्षण शुरू करने वाला देश का पहला राज्य था और इस संबंध में निर्णय राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने लिया था।
उच्चतम न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। मलिक ने कहा कि वह इस विचार से सहमत हैं कि ओबीसी को अन्य आरक्षणों के साथ राजनीतिक आरक्षण भी मिलना चाहिए।
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शीर्ष न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एक आयोग बनाकर ओबीसी की जनगणना की जाए। न्यायालय ने देश में ओबीसी समुदाय के लोगों की गणना करने की भी बात कही। अगर यह जनगणना पूरी की जाती है तो देश में, राज्य में और जिले में ओबीसी लोगो की संख्या का पता लग जाएगा जिसके बाद इस संबंध में आगे फैसला लिया जा सकता है।
मलिक ने कहा कि राज्य सरकार सभी कानूनी मुद्दों को अच्छी तरह जानने-समझने के बाद ही इस पर उचित निर्णय लेगी।