भोपाल: कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को लेकर भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। सदन में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि जिस दिन हमारे नंबर-1 और नंबर-2 कह देंगे यह सरकार एक दिन भी नहीं चल पाएगी। इस पर सीएम कमलनाथ ने चैलेंज देते हुए कहा था कि आपके नंबर-1 और नंबर-2 समझदार हैं, इसलिये आदेश नहीं दे रहें। आप चाहें तो अविश्वास प्रस्ताव ले आएं। बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने चैलेंज को शाम होते-होते पूरा भी कर दिया। उन्होंने विधानसभा में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बिल पास करवाने के बहाने सरकार का शक्ति परीक्षण कर दिया। इस दौरान सरकार के समर्थन में बहुमत से ज्यादा वोट पड़े।
आज शाम कमलनाथ उनसे मुलाकात करेंगे। कमलनाथ इन विधायकों के साथ ही डिनर भी करेंगे। नारायण त्रिपाठी मैहर से जबकि शरद कौल ब्यौहारी से विधायक हैं। दोनों विधायकों ने भाजपा छोड़ने के भी संकेत दिए हैं।
विधानसभा में क्रिमिनल लॉ (संसोधन) बिल पास होने और दो भाजपा विधायकों के सरकार के पक्ष में वोट करने पर कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा। सीएम कमलनाथ ने कहा कि भाजपा हमें अल्पमत में बता रही है और कह रही है कि किसी भी दिन सरकार गिर सकती है। वहीं आज सदन में क्रिमिनल लॉ बिल पर वोटिंग के दौरान दो भाजपा विधायकों ने सदन में सरकार के पक्ष में वोट किया है।
मध्य प्रदेश में किसी भी दल के पास अकेले दम पर बहुमत नहीं है। 2018 में हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वह बहुमत के लिए जरूरी 116 के आंकड़े से पीछे रह गई थी। कमलनाथ 4 निर्दलीय, 2 बसपा और एक सपा विधायक से समर्थन से सरकार चला रहे हैं। वहीं बीजेपी के पास 108 विधायक हैं। जबकि एक सीट फिलहाल रिक्त है।