नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी छोड़ने और किसी और पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि चुनाव से पहले नेता अपनी पार्टी छोड़ देते हैं और कोई और पार्टी ज्वाइन कर लेते हैं. इसको लेकर कई कारण होते हैं, कई बार होता है कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं दे रही होती तो कभी एस अभी होता है कि पार्टी से किसी और बात से नाराज़ होकर नेता पार्टी छोड़ देते हैं.

कुछ ऐसा ही हुआ है आंध्र प्रदेश में. आंध्र प्रदेश में पार्टी की नीरसता से परेशान होकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर चन्द्र देव ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने साफ़ कहा है कि पार्टी पिछले चार साल से यहाँ सो रही है और अपनी स्थिति को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी मूर्छित अवस्था में है और इसके लिए पिछले चार साल में कोई क़दम नहीं उठाया गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने दो वाक्य का ख़त लिखा है. इस ख़त में उन्होंने कहा है कि वाह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहे हैं.

देव पिछले 45 साल से कांग्रेस में थे. माना जाता है कि वो यहाँ कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में शुमार किये जाते थे. उन्हें हाल ही में पार्टी की नवगठित आदिवासी शाखा ‘अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बताया जा रहा है कि वो आंध्र प्रदेश के लोकल कांग्रेसी नेताओं से नाराज़ हैं. उनका कहना है कि पार्टी को खड़ा करना है तो मेहनत की ज़रूरत है लेकिन यहाँ लोग काम ही नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने तो मेरी ओर से जाहिर की गई चिंताएं और मेरे सुझाव भी नहीं पढ़े, ऐसे में उन पर अमल की बात क्या करूं।उन्होंने अपने इस फ़ैसले को दुःख के साथ लिया है. वो बताते हैं कि उन्होंने ये फ़ैसला बहुत तकलीफ में लिया है, हालाँकि उन्होंने साफ़ किया कि वो राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं.