नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत बंद है, इस बीच बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, आंदोलन जारी रहेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कृषि कानून निरस्त होने के बाद ही ‘घर वापसी’ होगी, हमारा ‘मंच और पंच’ वहीं रहेगा, सिंघू बॉर्डर हमारा ऑफिस है.
सरकार चाहे तो 10 दिनों में बात कर सकता है या अगले साल, हम तैयार हैं, दिल्ली की एक एक कील निकाल कर जाएंगे, उसके बिना नहीं जाएंगे.
राकेश टिकैत ने कहा हम पंचायती प्रणाली को मानने वाले लोग हैं, हम फैसलों के बीच में न पंच बदलते हैं और न ही मंच बदलते हैं, जो सरकार की लाइन थी बातचीत करने की उसी लाइन पर वह बातचीत कर ले.
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राकेश टिकैत ने कहा कि भारत तो आजाद हो गया, तो गुजरात कैद में क्यों है, गुजरात के आदमी को दिल्ली नहीं आने दिया जा रहा है, जो लोग दिल्ली आना चाहते हैं उनको जेल में बंद करते हैं, हम गुजरात भी जाएंगे.
बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच 11दौर की बैठकें हुई है, आज ही राज्यसभा में कृषि मंत्री ने कहा कि समझौते के लिए विभिन्न दौर की बैठकों के दौरान सरकार ने खंडवार कृषि कानूनों पर विचार-विमश करने के लए आंदोलनरत किसान यूनियनों से अनुरोध किया था ताकि जिन खंडों में उनको समस्या है उनका समाधान किया जा सके.