नई दिल्ली : मोदी सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं, किसान जहां कृषि कानून को पूरी तरह से रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं.
मोंदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह कृषि कानून में संशोधन को तो तैयार है लेकिन कानून रद्द नहीं होगा, इस मुद्दे आंदोलन तेज हो गई है.
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विपक्ष जहां कृषि कानून के विरोध में बयानबाजी कर रहा है तो वहीं BJP शासित प्रदेश के नेता इस कानून को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं, इसी क्रम में अब गुजरात के उप CM नितिन पटेल ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है.
नितिन पटेल ने कहा कि किसान आंदोलन कृषि किसानों का नहीं रहा, इस आंदोलन में खालिस्तानी और पाकिस्तानी घुस आए हैं.
नितिन पटेल ने कहा कि कृषि पर आंदोलन कर रहे सभी किसान ऐसे नहीं हैं लेकिन 25 हजार में 5000 ऐसे लोग है जिनका आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे लोग चाहते हैं कि देश में अराजकता फैले और लोग सरकार से नाराज हों, BJP से नाराज हों.
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नितिन पटेल ने कहा खालिस्तानी जो पंजाब को भारत से अलग करने के लिए कृषि पर आंदोलन कर रहे हैं और जिस तरह आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के रास्ते देश की शांति को भंग करना चाहते हैं.
उसी तरह से किसान आंदोलन में शामिल हो चुके खालिस्तानी देश की शांति को खराब करने की कोशिश में लगे हुए हैं.
नितिन पटेल ने कहा, हम कह सकते हैं कि कृषि पर आंदोलन में कैंसर वाला भी आया है और किडनी की बीमार वाला भी शामिल है, दोनों देश के विरोधी हैं, एक पंजाब को भारत से अगल करना चाहता है तो दूसरा कश्मीर को पाक से जोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है.
दोनों तरह के लोग आंदोलन का हिस्सा बन चुके हैं, आंदोलन में नक्सलवादी, आतंकवादी, माओवादी और खालिस्तान घुस आए हैं.