नई दिल्ली : मोदी सरकार के प्रस्ताव के मामले पर बातचीत करने के लिए किसान संगठनों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है, यह बैठक सिंघु बॉर्डर पर चल रही है.
ऐसा बताया जा रहा है कि करीब आधे घंटे के बाद निर्णय लिया जाएगा कि मोदी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ अगली बातचीत कब और कैसे करनी है?
अगली बातचीत में किसानों के द्वारा किन-किन मसलों पर बातचीत की जाएगी? कृषि कानूनों के मामले पर सरकार का पक्ष समझते हुए किसानों द्वारा हर पहलू पर चर्चा हो रही है.
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इससे पहले मोदी के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नयी पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की, संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं.
बैठक के दौरान किसान संगठनों ने कहा था कि शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है.
प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी, उन्होंने कहा, ‘केंद्र के पत्र पर फैसला करने के लिए कल हमारी एक और बैठक होगी.
सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत सरकार के शब्दों पर ‘विश्वास नहीं है’ जबकि केंद्र ने वादा किया है कि कृषि कानूनों पर किसानों से बातचीत जारी रहेगी.
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येचुरी ने यह टिप्पणी पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को दिए गए उस बयान के संदर्भ में की जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से सभी मुद्दों पर खुले मन से चर्चा करने को तैयार है.
येचुरी ने कहा, ‘मोदी सरकार के किसानों के साथ चर्चा करने को लेकर दिए जा रहे भरोसे पर ‘विश्वास नहीं है’ क्योंकि इन संबंधित विधेयकों को बिना चर्चा पारित कराया गया था और सदन में मतदान रोका गया था।
वे जो भी कहते हैं उसपर भरोसा नहीं है, पीएम ने आज दावा किया कि कुछ पैसे जारी किए गए हैं लेकिन यह चुनाव पूर्व योजना का हिस्सा है.’