नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर डटे कर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रदर्शनकारियों के लिए ‘नेकी की दीवार’ नाम से एक जगह निर्धारित की है, जिसपर कपड़े और दवाओं सहित अन्य जरूरी चीजें लिखकर मांगी जा सकती हैं.
किसान ने कहा, ‘‘हमने आज नेकी की दीवार स्थापित की है, इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे सभी किसान भाई-बहन प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से तैयार रहें.
वे दिल्ली की कड़ाके की सर्दी का सामना कर सकें,’’ प्रदर्शन स्थल पर सड़क किनारे मौजूद दीवार से लगे दो ‘कियोस्क’ भी हैं.
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सुरविंदर ने कहा, ‘‘एक स्थान पर लोग वे चीजें छोड़ सकते हैं जो वे दान करना चाहते हैं, वहीं दूसरा स्थान प्रदर्शनकारियों के लिए है जो मौजूदा भंडार से अपनी जरूरत की चीजें ले सकते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उनकी जरूरत की चीज उपलब्ध नहीं है तो वे इसे दीवार पर लिख सकते हैं और यह उन्हें मुहैया करा दी जाएगी,’’ दीवार पर लिखने के लिए जगह छोड़ी गई है और लिखने के लिए ‘चाक’ भी रखा गया है.
ताकि लोग अपनी जरूरत की चीजों को लिख सकें। विवरण दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर भी रखा गया है.
सुरविंदर ने कहा कि वे मास्क, सैनेटाइजर, दवाइयां, प्रसाधन सामग्री, बिस्तर, ऊनी कपड़े मुहैया कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘हम और अधिक वस्तुएं शामिल करेंगे, लंगर में भोजन वितरण पहले से किया जा रहा है.’
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर जारी किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने रविवार को श्रद्धांजलि दिवस मनाया.
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एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम उन किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा दी, यदि हम मांगें पूरी हुए बगैर उनके बलिदान को व्यर्थ जाने देते हैं तो यह उचित नहीं होगा.’’
गाजीपुर सीमा किसानों के प्रदर्शन को लेकर बृहस्पतिवार को बंद कर दी गई, उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान, खासतौर पर पंजाब एवं हरियाणा से, दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले करीब चार हफ्ते से डेरा डाले हुए हैं.