नई दिल्ली : कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 24वें दिन हो चुके है, कड़ाके की ठंड भी किसानों का इरादा नहीं डिगा सकी है.
किसानों ने कहा कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती, वहीं आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं और कई रास्ते डायवर्ट किए गए हैं.
ये भी पढ़ें : सोनिया गांधी को शिवानंद तिवारी की सलाह- पुत्र मोह त्याग, लोकतंत्र बचाने को बढ़ाएं कदम
पूर्व वित्त मंत्री पी,चिदंबरम ने पीएम मोदी पर हमला बोला है, एक बयान में चिदंबरम ने कहा, “पीएम ने एक बार फिर विपक्ष पर ‘झूठ फैलाने’ का आरोप लगाया है.
यहां तीन तथाकथित झूठ हैं जिन पर शायद वह टिप्पणी करना चाहे- किसानों के विरोध का समन्वय करने वाली एआईकेएससीसी ने कहा है कि किसान 900 रुपये प्रति क्विंटल पर धान बेच रहे हैं, हालांकि एमएसपी 1870 रुपये प्रति क्विंटल है, क्या यह झूठ है?”
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं.
अमृत सिंह ने बताया, “सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वो हमारी मांग तो मान नहीं रही.”
ये भी पढ़ें : मोटा भाई की नजर अब बंगाल पर, ममता को अपने खेमे को बचाए रखने की चुनौती
एक्टर सोनू सूद ने कहा है कि तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की दुर्दशा देखकर उन्हें बहुत दुख हो रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने उनकी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जतायी, हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली खत्म हो जाएगी और उनपर बड़े कॉर्पोरेट का नियंत्रण हो जाएगा.