नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों को वापस लेने तथा अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
किसान संघों ने रविवार दोपहर की मीटिंग में अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, इसके बाद मीटिंग के फैलने की जानकारी देने के लिए किसान संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हम सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्तव नामंजूर करते हैं.
किसान संगठन बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहता है, उन्होंने कहा कि बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वह आंदोलन की जगह नहीं है, किसानों ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त राशन, हम 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं.
सुरजीत सिंह फूल ने कहा, ‘हमने तय किया है कि हम किसी भी राजनीतिक दल के नेता को अपने मंच पर बोलने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वह कांग्रेस, भाजपा, आप या अन्य दल से हों.
ये भी पढ़ें : मन की बात: PM मोदी ने कहा- ‘नए कृषि कानून से किसानों को उनके अधिकार मिले’
हमारी समिति उन संगठनों को बोलने की अनुमति देगी जो हमारा समर्थन करते हैं, उन्हें हमारे नियम का पालन करना होगा.’
उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा अनजाने में उनके साथ दुर्व्यवहार के लिए मीडिया से माफी मांगते हैं, भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, हमने तय किया है कि हर बैठक के बाद हमारे द्वारा मीडिया के लिए एक आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बुराड़ी में खुली जेल जाने के बजाय, हमने तय किया है कि हम दिल्ली के 5 मेन इंट्री प्वाइंट को अवरुद्ध करके दिल्ली का घेराव करेंगे, हमारे साथ 4 महीने का राशन है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है, हमारी संचालन समिति आने की रणनीति तय करेंगी.
ये भी पढ़ें : आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, अब BJP नेता ने मुमताज पार्क का नाम बदलने की मांग
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को फैसला किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे, हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा.
अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं, शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसानों को इस मैदान की पेशकश की गई है, शाह ने यह भी कहा था कि निरंकारी मैदान में चले जाने के बाद केंद्र सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार है.
अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने फोन पर बताया, ‘हमने फैसला किया है कि हम दिल्ली की सीमाओं पर जमे रहेंगे, हम बुराड़ी नहीं जाएंगे,’ उन्होंने कहा कि कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह फैसला किया है.
बीकेयू (कादियान) के प्रमुख हरमीत सिंह कादियान ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे, केंद्रीय गृह मंत्री की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कादियान ने सिंधू बॉर्डर के नजदीक पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए कोई शर्त नहीं थोपनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हम कोई पूर्व शर्त नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि बिना किसी शर्त के बैठक हो, हम बातचीत के लिए राज़ी हैं.