देश में लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच अब बीते दिनों ओपी रावत मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गए हैं. उनकी जगह सुनील अरोड़ा को नया मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है. आपको दिलचस्प बात यह है कि रिटायर होने के बाद ही ओपी रावत ने केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी से काले धन पर कोई असर नहीं पड़ा है.
यह बात उन्होंने इण्डिया एक्सप्रेस से बात चीत करते हुए कही है. दरअसल ओपी रावत ने हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने अनुभव के आधार पर यह बात कही है.उन्होंने आगे कहा है कि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने करीब 200 करोड़ रुपए जैसी बड़ी रकम को ज़ब्त किया है. ज़ाहिर सी बात है कि इन पैसों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
ऐसे में चुनाव के दौरान जिस तरह से नोटों के बण्डल बांटे जा रहे हैं, उससे यह साफ़ साबित होता है कि नोट बंदी का कोई असर नहीं रहा. आपको बता दें कि नोटबंदी के लागू होने का मकसद यूँ तो अब सर कार तमाम गिना चुकी है लेकिन शुरुआत में कहा गया था कि इसकी वजह से कालेधन पर लगाम लगेगी.
बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भी नोटबंदी पर सवाल उठाया था. उन्होंने नोट बंदी को एक देश पर मौद्रिक झटका बताया था. उन्होंने कहा था कि नोटबंदी की वजह से देश की विकास दर पटरी से उतर गई है. आपको बता दे कि नोट बंदी के दौरान सर कार ने पांच सौ और हज़ार के नोट को बंद कर दिया था. इसके बाद से ही देश भर में अफरा तफरी का माहौल पनप गया था.