केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने के निर्देश के कारण राज्य की सियासत तेज हो गई है। इसके विरोध में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फंड ने जहां कई जगह विरोध प्रदर्शनों की घोषणा कर दी है वहीं अब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्यपाल को अड़े हाथों लिया है। विजयन ने कहा है कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
CM पिनाराई विजयन ने कहा कि वो अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राज्यपाल अपने से अधिक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए चांसलर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह अलोकतांत्रिक है और कुलपतियों की शक्तियों का अतिक्रमण है। राज्यपाल का पद सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए है। वह आरएसएस के औजार की तरह काम कर रहे हैं।
CPM के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के समर्थकों को जगह देने के लिए राज्यपाल केरल विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों को हटा रहे हैं।
क्या था निर्देश
केरल राजभवन के PRO के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार, 24 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक इस्तीफा देने का निर्देश जारी किया है। इस बाबत उन्होंने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र को संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रारों को भी ईमेल किया है।