जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का एक सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों को कश्मीर में स्थिति में सुधरने तक अस्थायी रूप से जम्मू स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
आजाद ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ घटनाएं हो गई हैं। जीवन प्राथमिकता में है और इसलिये मेरी राय है कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाये। स्थिति में सुधार होने के बाद उनलोगों को वापस लौटना चाहिये।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हम पिछले छह साल से इंतजार कर रहे हैं। मैंने संसद में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया। वे हमें पंचायत चुनाव या डीडीसी चुनाव दिखाते हैं, लेकिन असली चुनाव विधानसभा का होता है, जो नहीं हो रहा है।
मालूम हो कि कश्मीर घाटी में लंबे समय बाद कश्मीरी पंडित काम पर लौटे थे। हालांकि, उन्हें फिर से निशाना बनाया जाने लगा। कई कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इससे घाटी में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद ने शनिवार को कहा कि गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देना उनकी एक बड़ी भूल थी। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ताराचंद, पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा व पूर्व विधायक बलवान सिंह को आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।