कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक 14 असंतुष्ट विधायकों को तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दिया। इसमें कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायक शामिल हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी नेता बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सोमवार को बहुमत साबित करने का मौका दिया है।
कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने मुझे कल (सोमवार को) विश्वास मत की निगरानी करने के लिए कहा है। वित्त विधेयक 31 जुलाई को समाप्त होगा। मैं सभी विधायकों से विश्वास प्रस्ताव के लिए सत्र के लिए उपस्थित होने की अपील करता हूं।
अपने इस फैसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि मैंने कोई चालाकी या ड्रामा नहीं किया, बल्कि सौम्य तरीके से फैसला लिया है, सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है, उससे पहले स्पीकर ने सभी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है।
जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनके नाम हैं बैराठी बसवराज, मुनिरत्न, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ. सुधाकर, शिवराम हेब्बार, श्रीमंत पाटिल , के. गोपालैया, नारायण गौड़ा और ए एच विश्वनाथ।
आपको बता दें कि कुल 17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद कर्नाटक विधानसभा की संख्या अब 207 हो गई है, इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 104 विधायकों का रह गया और एक सदस्य मनोनित है. यानि कि मैजिक नंबर 105 का है, बीजेपी के पास फिलहाल 105 विधायकों का समर्थन है, जैसा कि पिछले ट्रस्ट वोट में कुमारस्वामी के पक्ष में 99 और विपक्ष में 105 वोट पड़े थे, इस लिहाज से बीजेपी को अब बहुमत साबित होने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।