नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर राज्यसभा में जोरदार और तीखी बहस हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल के आरोपों का जवाब दिया। कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में कहा था कि गृह मंत्री से देश का कोई मुसलमान नहीं डरता है।
सिब्बल ने कहा, ‘गृहमंत्री जी ने सही कहा कि यह एक बड़ा ऐतिहासिक बिल है। हां, ऐतिहासिल बिल है क्योंकि आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं इसलिए ऐतिहासिक है। आप हमारे इतिहास को बदलने जा रहे हैं इसलिए ऐतिहासिक है।’ उन्होंने कहा कि सरकार एक- एक करके एक समुदाय को निशाना बना रही है। इसके परिणाम बहुत भयानक होंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून से लाखों लोगों की काली रात कभी खत्म नहीं होगी।
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा देश के बंटवारे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में कहा कि, मुझे समझ नहीं आता कि गृहमंत्री ने कौन सी इतिहास की किताबें पढ़ी हैं। दो राष्ट्र सिद्धांत हमारा नहीं है। यह सावरकर का दिया गया सिद्धांत था।
सिब्बल ने कहा कि आप हमारे इतिहास को बदलना चाहते हैं, इसीलिए आप कहते हैं कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है। मैं गृह मंत्री से राजनीति से परे उठने का अनुरोध करता हूं। आप इस देश के भविष्य को नष्ट कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सिब्बल ने कहा कि सरकार देश के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
विपक्ष का हमला
बसपा के सतीश मिश्रा ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान की भावना के विपरीत बताया। उन्होंने जानना चाहा कि नागरिकता के लिए 31 दिसंबर 2014 की ‘कट-आफ’ तिथि किस आधार पर तय की गयी है, सरकार को स्पष्ट करना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये संविधान की आत्मा ‘धर्म-निरपेक्षता’ को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में सरकार से पुर्निवचार करने और विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की।