भोपाल। लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद से मध्य प्रदेश की राजनीति में सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टी बीजेपी दावा कर रहे है कि, राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। इसी बीच कमलनाथ सरकार में खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त को आरोप लगाए हैं। बता दें कि ,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को गवर्नर को पत्र लिखाकर कहा था कि, कमलनाथ सरकार से अल्पमत में है। बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
मंगलवार को कमलनाथ सरकार के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने कहा बीजेपी कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश में है। वो एक-एक विधायक को 25 करोड़ रुपए का ऑफर दे रही है। मना करने पर वो 50 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है। लेकिन हमारा कोई साथी बिकने वाला नहीं है। प्रद्युम्न सिंह ने ये भी कहा कि व्यापम, ई-टेंडरिग सहित कई घोटालों में बीजेपी कई नेता नपने वाले हैं। इससे डर के चलते बीजेपी अब सरकार गिराने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के गठन से ही भाजपा निशाना साधती रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने प्रचारित किया कि लोकसभा चुनाव बाद कमलनाथ सरकार गिर जाएगी। इस बीच एग्जिट पोल के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिलता देख एक बार फिर प्रदेश में सरकार गिराने के दावे शुरू हो गए और अब बीजेपी और कांग्रेस इस मामले में आमने सामने आ गए हैं। अब खरीद फरोख्त के आरोप लग रहे हैं। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के बड़े नेताओं पर कांग्रेस विधायकों को ऑफर देने के आरोप लगाए थे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर दावा किया है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में उसे सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जाए। विधानसभा में नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि बहुत से मसले हैं जिनको देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत है। हम विधायकों की खरीद-फरोख़्त में यकीन नहीं रखते, ये सरकार तो अपने आप ही गिर जाएगी।अब इस सरकार के जाने का वक़्त आ गया है। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक और उसे समर्थन दे रहे विधायक समर्थन वापस लेने को तैयार हैं।