केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जमानत के लिए अदालत में श्योरिटी देने के एक दिन बाद गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया गया। कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जब वे हाथरस जा रहे थे, जहां एक दलित महिला की कथित रूप से बलात्कार के बाद मौत हो गई थी।
कप्पन ने बताया वह 27 माह से जेल में बंद था। फिलहाल न्याय की जीत हुई और हाईकोर्ट से मुझे जमानत मिली। जिला जेल के जेलर राजेन्द्र सिंह के मुताबिक सिद्दीक कप्पन को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने सुबह उसे रिहा कर दिया गया।
कप्पन के मुताबिक वह हाथरस के एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को कवर करने जा रहे थे। इस मामले में दलित लड़की की मौत ने राष्ट्रव्यापी विरोध को जन्म दिया था। कप्पन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत दिए जाने के एक महीने बाद लखनऊ की एक सत्र अदालत के आदेश के बाद आज उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कप्पन पर आतंकवाद रोधी कानून UAPA के तहत राजद्रोह का आरोप भी लगा था। फरवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उस पर मनी लांड्रिंग के तहत आरोप दाखिल किए थे। इसमें प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया से पैसा लेने का आरोप शामिल है। सितंबर 2022 में कप्पन को आतंकवाद के मामले में जमानत मिल गई थी।