दिल्ली पुलिस द्वारा जेएनयू मामले में तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल की गई है। इस चार्जशीट में 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है। जिसमें कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य सहित 7 कश्मीरी छात्रों का नाम शामिल है। दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में 7 कश्मीरियों को मुख्य आरोपी बनाए जाने पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव में वोट पाने के लिए कश्मीरियों को निशाना बना रही है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसी तरह 2014 के चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस ने अफजल गुरु को फांसी दे दी थी, ये सोच कर कि शायद उन्हें कामयाबी मिलेगी। आज बीजेपी वही दोहरा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा हैं कि 2019 के चुनाव की तैयारी में जम्मू और कश्मीर के लोगों को फिर से मोहरा बनाया जा रहा है, उनको इस्तेमाल किया जा रहा है। वोट के लिए राजनीति हो रही है।

12 सौ पेज की चार्जशीट में कुल 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयद उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम शामिल है। चार्जशीट में कश्मीर के रहने वाले सात छात्रों आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, खालिद बशीर भट के नाम भी हैं। वहीं, इस चार्जशीट में 36 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें शेहला राहिश का नाम भी शामिल है। हालांकि इन 36 लोगों के खिलाफ़ पुलिस को कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं।

चार्जशीट में मामले के गवाहों के बयान सीआरपीसी की ऐसी धारा के तहत दर्ज किए गए हैं कि बयान से पलटने पर उन्हें सज़ा मिल सकती है। गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है। इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। लेकिन बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत मिल गई थी।