नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने फीस वृद्धि का जमकर विरोध किया था और सड़कों पर उतर आए थे। फीस वृद्धि के इस मामले में अब उच्चस्तरीय कमेटी ने सभी पक्षों से बात कर बड़ी राहत की पेशकश की है। तीन सदस्यीय कमेटी ने फीस बढ़ोत्तरी पर अपनी रिपोर्ट्स सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि बीपीएल धारक छात्रों को 75 प्रतिशत तक छूट दी जाए।
पिछले हफ्ते फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जेएनयू के छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री का आश्वासन मिलने के बाद धरना खत्म कर दिया। इसके बाद छात्रों का प्रतिनिधिमंडल मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से मिला। मंत्री ने फीस बढ़ोतरी वापस लेने का आश्वासन दिया है।
शिक्षा सचिव ने छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस ले लिया और छात्रों से बातचीत के लिए सोमवार को एक समिति की घोषणा भी की लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए। वे शुल्क वृद्धि पूरी तरह वापस लेने की मांग करते रहे और देर शाम तक डटे रहे। उन्हें कहा गया कि धरना खत्म करने के बाद ही उनके प्रतिनिधियों को मंत्री से मिलने दिया जाएगा। मंत्री का आश्वासन मिलने के बाद छात्रों का हुजूम जेएनयू परिसर लौट गया।
जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों और एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक के बारे में जानकारी देते हुए एक सूत्र ने कहा कि, छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति को उनकी आवश्यकताओं के लिए अनुपलब्ध और अनुत्तरदायी होने की शिकायत की है। छात्रों ने दिल्ली पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए कथित लाठीचार्ज का ब्योरा भी दिया जब प्रदर्शनकारी जेएनयू के छात्र सोमवार को संसद की ओर मार्च कर रहे थे।