जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस द्वारा चार्जशीट में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस तीन साल तक चली जांच के बाद चार्जशीट की कॉपी और अन्य दस्तावेजों को एक ट्रंक में लेकर कोर्ट पहुंची थी। 1200 पेज की इस चार्जशीट को पुलिस ने अदालत में पेश किया है। पुलिस ने चार्जशीट में कन्हैया और अन्य आरोपियों द्वारा कथित तौर पर लगाए गए 12 नारों की लिस्ट भी शामिल की है।
जेएनयू नारेबाजी मामले में पुलिस द्वारा फाइल चार्जशीट पर सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए टल गई है।आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उनके और अन्य छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोपपत्र दाखिल किए जाने को मोदी सरकार का एक राजनीतिक कदम बताया है। कन्हैया कुमार ने सवाल उठाया है कि आखिर मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही यह कदम क्यों उठाया इसी बीच बीजेपी और आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष जतिन गोराया ने मीडिया से बातचीत में ये खुलासा किया है कि न्यूज़ चैनल ‘जी न्यूज’ द्वारा दिखाए गए जेएनयू के वीडियो में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगा रहे मौजूद छात्र कथित तौर पर एबीवीपी के सदस्य थे या उनसे सहानुभूति रखने वाले छात्र थे। इसके साथ ही उन्होंने जेएनयू विवाद को जन्म देने के लिए एबीवीपी और जी न्यूज के बीच कथित सांठगांठ का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

एबीवीपी के पूर्व उपाध्यक्ष जतिन को हराया ने यह खुलासा किया है कि 9 फरवरी को हिंदूवादी संगठन द्वारा जेएनयू केंपस में ज़ी न्यूज़ को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। जिस शाम यह कार्यक्रम आयोजित किया जाने वाला था। उससे पहले ही 2 दिन में 2 बजे एबीवीपी के तत्कालीन ज्वाइंट सेक्रेटरी ने जी न्यूज को जेएनयू केंपस में बुला लिया था।