केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव में हार को पार्टी अध्यक्ष होने के नाते अपनी हार बताया। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि हम हारे जरूर हैं, लेकिन यह हमारे लिए आत्मचिंतन का विषय है। राज्य में पार्टी के बागी नेता सरयू राय पर उन्होंने कहा कि किसी एक फैसले से पार्टी की हार-जीत चिह्नित नहीं कर सकते।
दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट की। झारखंड में हार की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन फिर भी पीछे छूट गए। इसकी समीक्षा होगी। लेकिन दावे के साथ कहता हूं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।
राम मंदिर पर अमित शाह ने कहा कि 9 फरवरी तक राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का एलान हो जाएगा और ट्रस्ट तय करेगा कि राम मंदिर का स्वरूप क्या होगा। सरकार राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध थी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसका रास्ता साफ हो गया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा और ये हमारे चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था। हमें खुशी है कि संविधान के दायरे में रहकर मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने जा रहा है।
मालूम हो कि अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में हारने के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।