झारखंड में बच्चा चोर होने के शक में एक मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में तेनुघाट की अदालत ने 10 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई है. इसके साथ ही 14-14 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मंगलवार को तेनुघाट के अपर सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) गुलाम हैदर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये यह सज़ा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह ने बहस करते हुए सख़्त सज़ा देने की गुज़ारिश की थी।उन्होंने फैसले की जानकारी देते हुए बताया है कि जुर्माने की राशि से मिलने वाले एक लाख बीस हज़ार रुपये पीड़ित परिवार को देने का निर्देश दिया गया है। जिन दस लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें किशोरी दसौंधी, सूरज वर्णवाल, चंदन दसौंधी, जीतन रजक, सागर तुरी, मनोज तुरी, सोनू तुरी, जितेंद्र ठाकुर, राजकुमार कोइरी और छोटू कोइरी शामिल हैं।
अधिवक्ता के मुताबिक एक साल में इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली गई। पुलिस ने इस केस में 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है।एक आरोपी के ख़िलाफ़ चार्जशीट सौंपी जानी बाकी है। क्या है मामला शमशुद्दीन धनबाद के महुदा के रहने वाले थे। तीन अप्रैल को वे रिश्ते में अपने साले के यहां बोकारो ज़िले के नर्रा गांव आए थे।
उन्होंने अपनी बाइक घर के पीछे खड़ी की थी। कुछ देर बाद बाइक गायब हो गई थी। तब शमशुद्दीन अंसारी के रिश्तेदारों ने गांव के एक स्थानीय व्यक्ति रति पंडित को फोन पर बाइक के ग़ायब होने की जानकारी दी। उस व्यक्ति ने कहा कि घबराओ नहीं, बाइक जल्दी मिल जाएगी। चार अप्रैल की सुबह सभी 10 अभियुक्त अन्य 100-150 व्यक्तियों के साथ लाठी, डंडा, रॉड, गड़ासा, भाला से लैस होकर सूचिका के घर का दरवाजा तोड़ कर उसके नंदोसी समशुद्दीन अंसारी को बच्चा चोर कहते हुए मारपीट कर बाहर निकाल लिया।
घरवालों की सफाई लोगों ने नहीं मानी। नंदोसी को जान मारने की नियत से मारते हुए तुरी टोला की ओर ले गये। उन्होंने मोटरसाइकिल तोड़ दी। साथ ही बुरी नियत से पकड़ कर सूचिका को जमीन पर पटक दिया। सूचिका के बयान के आधार पर चंद्रपुरा थाना में मामला दर्ज किया गया।