नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने ऐलान किया है कि वह मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार द्वारा राज्यसभा में लाए जाने वाले तीन तलाक बिल का विरोध करेगी। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री श्याम रजक ने गुरुवार को पटना में कहा, “जेडीयू इसके खिलाफ है और हम इसके खिलाफ लगातार खड़े रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक मुद्दा है और इसे सामाजिक स्तर पर समाज के द्वारा सुलझाया जाना चाहिए। रजक ने कहा कि जेडीयू ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट दिया था। इसके पहले नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था।
तीन तलाक के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपना रुख दोहराते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाने, समान नागरिक संहिता लागू करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने के मामले या तो संवाद के जरिए सुलझाए जाएं या अदालत के आदेश के जरिए।
नीतीश ने कहा था, “यह हमारा विचार है कि अनुच्छेद 370 समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह समान नागरिक संहिता किसी के ऊपर नहीं थोपी जानी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा या तो संवाद के जरिए सुलझाया जाए या अदालत के आदेश के जरिए।”
मालूम हो कि
जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने बुधवार को कहा कि बीएसएफ की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठिए देश के अंदर आते है। बॉर्डर पर बीएसएफ अधिकारी 5 हजार रुपए में घुसपैठियों को सरहद पार कराते हैं। इसके लिए बीएसएफ जिम्मेदार है इसलिए भाजपा बार-बार इस मुद्दे पर बनर्जी को कटघरे में खड़ा करना बंद करे।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को कोसने से काम नहीं चलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मामले में कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि उन अधिकारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए जो बांग्लादेश और बर्मा के बॉर्डर पर 10 साल से ज्यादा समय से तैनात हैं। संपत्तियों की जांच होने से ही बहुत से मामले सामने आ जाएंगे। आलोक ने कहा कि घुसपैठ पर रोक जरूरी है और फिर ये अब नहीं होगा तो कब होगा।