एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बिहार की राजनीति में बीजेपी और जेडीयू का मनमुटाव जगजाहिर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड द्वारा हाल ही में लिए गए कुछ फैसलों से साफ़ पता चलता है कि एनडीए में फूट पड़ चुकी है और नीतीश कुमार धीमे धीमे बीजेपी से दूरी बना रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने के बाद जेडीयू उत्साहित है। पार्टी अपने विस्तार के लिए दिल्ली के अलावा झारखंड विधानसभा चुनाव में भी अकेले उतरने की तैयारी में है।
जेडीयू की दिल्ली प्रदेश इकाई के पुनर्गठन को पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंजूरी मिलने के बाद पार्टी ने दिल्ली में चुनावी तैयारियां शुरु कर दी है। जेडीयू प्रवक्ता सत्य प्रकाश मिश्रा ने शनिवार को कहा, “हाल ही में प्रदेश संगठन के चुनाव में वरिष्ठ नेता दयानंद राय को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।”
इसके मद्देनजर संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने की प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले ही शुरु हो गई थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के मतदाता हैं, जिन्हें शुरू से ही तमाम दलों ने ठगा है। दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों और अन्य इलाकों में रह रहे पूर्वांचल के लोग सामाजिक विषमताओं का दंश झेलने को मजबूर हैं। मिश्रा ने कहा कि पार्टी इन समस्याओं के लिए दिल्ली की मौजूदा केजरीवाल सरकार और पूर्व की कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराते हुए क्षेत्रवार आंदोलन करेगी।