पटना (बिहार) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने शनिवार को सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पर आरोप लगाया कि वह और उसके नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के नाम पर लोगों को भ्रमित कर अपनी विफलताओं को ढकना चाहते हैं।
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मिश्रा ने जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को ढोंग और जदयू का भ्रमजाल बताते हुए पूछा कि आखिर इस मुद्दे पर जदयू बिहार की जनता को कब तक अंधेरे में रखना चाहता है।
उन्होंने कहा कि जब से नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में बिहार को आर्थिक, सामाजिक विकाश तथा पर्यावरण संरक्षण, गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में सबसे निचले पायदान का राज्य बताया गया है तबसे 16 वर्षो से सत्ता में बैठे जदयू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को यह समझ मे नहीं आ रहा है कि विकास को लेकर अपनी विफलताओं को अब कैसे ढका जाए।
कांग्रेस के नेता ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा की पुनः मांग करना यह पर्याप्त संकेत दे रहा है कि इस मुद्दे की आड़ में जनमानस को एक बार फिर से ये लोग भ्रमित करना चाहते हैं। उन्होंने पूछा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह डबल इंजन की सरकार तथा लाखों करोड़ के बजटीय आवंटन के बावजूद यदि उनके खुद के नीति आयोग को बिहार में विकास नज़र नहीं आया तो इस बात की क्या गारंटी की विशेष राज्य के नाम पर मिलने वाली धनराशि और सुविधाओं से ये कितना विकास कर पाएंगे।
मिश्रा ने कहा कि देश में कई राज्य हैं जहां बेहतर शासन के चलते बिना विशेष राज्य का दर्जा मिले विकास और प्रगति हुई है लेकिन 16 वर्षों से बिहार की सत्ता में रहकर भी जदयू-भाजपा ऐसा नहीं कर सकी । उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा के नाम पर पिछले 7 वर्षों से भाजपा-जदयू के नेता राजनीति कर रहे हैं।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों को याद है कि प्रधानमंत्री ने वायदा किया था कि सत्ता में आने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे और मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि जो विशेष राज्य का दर्जा देगा उसके साथ जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो ये दोनों पार्टी और इसके नेता क्यों एक साथ हैं।
उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि अब किसी भी प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला है। ये लोग सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे पर बयनबाजी करते हैं।