अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है। एडवोकेट राजीव धवन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि मुझे ये बताया गया कि मुझे केस से हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबियत ठीक नहीं है। ये बिल्कुल बकवास बात है। जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं लेकिन जो वजह दी गई है वह गलत है।
हालांकि, अभी यह भी कहा जा रहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्ष राजीव धवन को अपनी पुनर्विचार याचिका में वकील बना सकते हैं। एडवोकेट राजीव धवन अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पार्टी की ओर से पेश हुए थे।
अब राजीव धवन ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील एजाज मकबूल द्वारा मुझे बाबरी केस से हटा दिया गया है। मैंने बिना कोई आपत्ति जताई इस कार्रवाई को स्वीकार करने का पत्र भेज दिया है।’
आपको बता दें कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित मंदिर को सौंपने और मस्जिद निर्माण के लिए उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का केंद्र को निर्देश दिया था।
हालांकि, संविधान पीठ के इस फैसले को उप्र सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने चुनौती नहीं देने का निर्णय लिया लेकिन इस प्रकरण के मूल वादकारों में शामिल एम सिद्दीक के कानूनी वारिस और उप्र जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहाद रशीदी ने 14 बिन्दुओं पर शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है।
आपको बता दें कि अयोध्या जमीन विवोद को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने हिंदू महासभा की ओर से पेश किए गए नक्शा और कुछ कागजात कोर्ट में फाड़ दिए थे। इससे भड़के हिंदू महासभा ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। मामले को लेकर हिंदू महासभा ने बार काउंसिल को पत्र लिखते हुए कहा कि धवन द्वारा कोर्ट रूम में नक्शे को फाड़ना सुप्रीम कोर्ट बार के लिए अपमान करना है। महासभा ने मांग की थी कि इस मामले में धवन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।