केंद्र सरकार ने गुरुवार को पारसनाथ पहाड़ी पर सभी पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। पारसनाथ पहाड़ी पर जैन धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी को लेकर केंद्र ने झारखंड सरकार को इसकी पवित्रता की रक्षा के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य को एक ज्ञापन भेजा है।
सम्मेद शिखर मामले में केंद्र सरकार ने समिति बनाई है। साथ ही कहा है कि राज्य सरकार समिति में जैन समुदाय से दो सदस्य शामिल करें और स्थानीय जनजातीय समुदाय से एक सदस्य शामिल करे। केंद्र की ओर से 2019 की अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही कहा है कि 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे। पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है। उन्होंने ये भी बताया कि पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है।
केंद्र सरकार के फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जाहिर की है। जैन मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि यह सुखद सूचना है। जैन समाज जिस मुद्दे को लेकर आंदोलित थी, उन सभी बातों को केंद्र सरकार ने मान लिया है। उन्होंने कहा कि सारे आंदोलन को रोक देना चाहिए। अब आंदोलन की कोई जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, राज्यमंत्री अश्विनी चौबे सभी का आभार व्यक्त करना चाहिए।