चुनाव आयोग ने YSRCP के आजीवन अध्यक्ष के रूप में वाई एस जगन मोहन रेड्डी को चुने जाने से संबंधित समाचार पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह का किसी भी प्रयास अस्वीकार्य है और इसे खारिज किया जाता है।
रेड्डी के आजीवन अध्यक्ष बने रहने के मामले में EC ने कहा है कि इस तरह के किसी भी प्रयास या यहां तक कि राजनीतिक दल में किसी भी संगठन के पद को स्थायी किए जाने के संकेत को तुरंत नकार दिया जाएगा।
बता दें कि पार्टी अधिवेशन में YSRCP महासचिव वी. विजयसाई रेड्डी, जो पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए रिटनिंर्ग ऑफिसर थे, ने जगन मोहन रेड्डी को पार्टी के आजीवन अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने की घोषणा की थी।
2009 में कांग्रेस अलग होकर बनाई थी पार्टी
जगनमोहन ने साल 2009 में ही अपने पिता के नाम पर वाईएसआर कांग्रेस के नाम से नई पार्टी की नींव रखी और राजनीतिक संघर्ष शुरू कर दिया। 18 कांग्रेस विधायकों के कांग्रेस छोड़कर वाईएसआर में आने के बाद वहां इन सीटों पर साल 2012 में उप चुनाव हुए। इस उप चुनाव में जगहमोहन रेड्डी की पार्टी ने सबको चौंका दिया और 18 में से 15 सीटों पर जीत दर्ज कर ली। इसके बाद कारोबारी से राजनेता बने जगन मोहन रेड्डी कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी से टक्कर लेते रहे जिस दौरान उन्हें जेल तक जाना पड़ा। इस दौरान वो 2014 के चुनाव में टीडीपी के हाथों हार गए।