49 दिग्गजों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में खेद प्रकट करते हुए लिखा कि आज ‘जय श्री राम’ आज एक भड़काऊ युद्ध बन गया है, । इस पत्र में आगे लिखा गया है कि राम बहुसंख्यक समाज के लिए पवित्र है। राम का नाम लेना बंद कर दें। देश में लिंचिंग के मामलों पर मशहूर हस्तियों ने कहा है कि मुसलमानों, दलितों और और अल्पसंख्यकों की लिंचिंग को तुरंत रोका जाना चाहिए। हम एनसीआरबी के आंकड़े को जानकर हैरान हो गए कि साल 2016 में दलितों से अत्याचार के 840 मामले सामने आए हैं और दोषियों को सजा के मामले में कमी आई है।
पीएम मोदी को लिखे गए लेटर में विनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, रेवती, श्याम बेनेगल, शुभा मुद्गल, रूपम इस्लाम, अनुपम रॉय, परमब्रता, रिद्धि सेन के नाम भी शामिल हैं। 23 जुलाई को लिखे इस लेटर में कहा गया कि प्रधानमंत्री जी आपने संसद में इस तरह की लिंचिंग की आलोचना कि लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। वास्तव में अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? अफसोस है कि ‘जय श्री राम’ एक भड़काऊ युद्ध बन गया है। आज ये कानून व्यवस्था के लिए समस्या बन गया है और कई लिंचिंग की घटनाएं इसके नाम पर हो रही हैं। इतिहासकार रामचंद्र गुहा, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता विनायक सेन, विद्वान और समाजशास्त्री आशीष नंदी उन लोगों में से हैं जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।