राजस्थान: केंद्र सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन जारी करते हुए मंगलवार को उन लोगों को राहत दी गई है जो छात्र, प्रवासी और पर्यटक दूसरे राज्यो में कोविड 19 लॉकडाउन के चलते हुए फंसे हुए हैं। इसके लिए राज्यों के बीच बसों को चलाने का अनुमति दी गई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आने वाले समय में और भी श्रमिक अपना पंजीयन करा सकते हैं।
ऐसे में कामगारों की इतनी बड़ी संख्या तथा लंबी दूरी को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाना कामगारों के सुरक्षित घर लौटने का व्यावहारिक समाधान होगा।
हालांकि, गहलोत ने गृह मंत्रालय की तरफ से अंतरराज्यीय श्रमिकों और प्रवासियों के आवागमन के बारे में बुधवार को जारी आदेश का स्वागत किया है।
1-सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इतना ही नहीं राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखा जाए।
2-अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में जा वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं।
3- किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए।
4-राजस्थान के प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए। भेजने से पहले बस सेनेटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
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5-रास्ते में पड़ने वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश उस राज्य के लिए रास्त देंगे जहां पर ये गाड़ी जा रही है।
6-जब कोई शख्स अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि उसे होम क्वारंटाइन में रखे। इस दौरान उसके हेल्थ चेकअप किए जाए।
उस व्यक्ति को अरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के उत्साहित किया जाए ताकि उसके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही उसे ट्रैक हो सके।