हाल ही में केजरीवाल सरकार के एक फैसले से एक तरफ जहां जनता के बीच खुशियों की लहर है तो दूसरी विरोधी इसे सिर्फ एक जुमला बता रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को मेट्रो व बसों में मुफ्त सफर योजना को दिल्ली सरकार जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। इस फैसले के बाद बहुत सारे लोगों के ध्यान में आया होगा कि क्या ये संभव है? जिसका जवाब अभी तक पूर्ण रूप से मिल नहीं पाया है।
सरकार ने इस योजना पर अपनी राय देने के लिए बसों में भी विज्ञापन दे दिए थे। डीटीसी व क्लस्टर सेवा की बसों में इस योजना के लिए लोगों से सुझाव मांगे गए थे। इससे पहले सरकार अखबारों में विज्ञापन देकर जनता के सुझाव मांग चुकी थी। सुझाव देने के लिए पहले तारीख 15 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है।
दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के फ्री सफर की योजना पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए गोपाल राय ने कहा, डीएमआरसी ने दो प्रस्ताव दिए थे, जिसमें सॉफ्टवेयर बदलने और नए पिंक कार्ड का जिक्र था। फिलहाल पिंक कार्ड पर सरकार की सहमति बनी थी।
हालांकि डीएमआरसी ने पिंक कार्ड के लिए करीब 8 महीने का समय दिया था। गोपाल राय ने कहा कि मेट्रो के अधिकरियों से 8 महीने के समय को कम करने की बात चल रही है। गोपाल राय ने दावा करते हुए यह भी कहा कि डीटीसी बसों में फ्री सफर की योजना पर काम जल्द शुरू हो जाएगा।
गोपाल राय के मुताबिक, सुझाव देने वालों में 71 हजार 5 सौ 92 लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमें मेट्रो और बस में मुफ्त सफर की योजना को 64 हजार 9 सौ 72 लोगों ने सही माना है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को आज यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंप देंगे, जिसके आधार पर सरकार आगे का कदम उठाएगी।
केजरीवाल सरकार के इस फैसले को जब थोडा ध्यान से और गहन अध्ययन करो, तो मालूम होता है कि जैसे विरोधी दल और केन्द्र के कुछ लोगों का मानना है कि ये संभव नहीं है जो कि एक दम गलत है। केजरीवाल सरकार का फैसला संभव हो सकता है। बस जरूरत है तो जनता के समर्थन का…….
जीशान अहमद खान