नई दिल्ली: भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज इरफान पठान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने क्रिकेट के किसी भी फाॅर्मेट में ना खेलने का फैसला लिया। इरफान पठान को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 2003 में भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था और 19 साल की उम्र में उन्होंने पदार्पण किया था। पठान ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2012 मेंं दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ खेला। उनकी गेंदबाजी ऐसी थी कि पाकिस्तान के वसीम अकरम से उनकी तुलना की जाने लगी। इरफान पठान की स्विंग ने उन्हें दुनिया में सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक बना दिया।
पठान ने 2007 के टी-20 विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने मैच में 16 रन देकर तीन विकेट लिए थे। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। बाएं हाथ के इस गेंदबाज ने इस विश्व कप में 14.90 की औसत से 10 विकेट लिए थे।
इरफान के पास गति नहीं थी, लेकिन गेंद को स्विंग करने की उनकी स्वाभाविक क्षमता ने उन्हें तुरंत सफलता दिलाई। महान कपिल देव के साथ उनकी तुलना भी की गई। तब ऐसा लग रहा था कि भारत ने उस ऑलराउंडर को ढूंढ़ लिया है, जो जगह कपिल के रिटायरमेंट के बाद से खाली थी। आखिरी बार अक्टूबर 2012 में भारत के लिए खेलने वाले पठान ने 29 टेस्ट (1105 रन और 100 विकेट), 120 वनडे (1544 रन और 173 विकेट) और 24 टी-20 अंतरराष्ट्रीय (172 रन और 28 विकेट) मैच खेले।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली रहा कि गांगुली, लक्ष्मण और द्रविड़ जैसे खिलाडियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया। मैं इस सफर के लिए अपने परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूं।’’
“मैंने संन्यास की घोषणा पहले इसलिए नहीं की क्योंकि मैं जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के लिए खेल भी रहा था। उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहा था। अब 35 वर्ष का हो चुका हूँ। खेल से दूरी बना रहा हूँ। अपने प्यार से दूरी बना रहा हूँ। पर क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ रिश्ता क़ायम रहेगा।”