नई दिल्ली। हिन्दुस्तान एक वीरों का देश कहा जाता है यहाँ इस देश हिन्दुस्तान में अकबर बादशाह, महाराणा प्रताप सिंह जैसे वीर अखंड भारत में जन्म लिए तो दूसरी जंगे आजादी में भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, अशफाकुल्लाह खान और टीपू सुल्तान जैसे निडर योध्दा पैदा हुए।
इसी तरह मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर के युवा 16 वर्ष के इरफान रमजान शेख को सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इरफान ने साल 2017 में अपने घर पर होने वाले एक आतंकी हमले को नाकाम किया था। इरफान की उम्र उस समय 14 वर्ष ही थी और उनकी इसी बहादुरी के लिए उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया था।
16 अक्टूबर 2017 को तीन आतंकी इरफान के घर को घेर लिया था। जब इरफान ने दरवाजा खोला तो आतंकी सामने खड़े थे। तीनों आतंकी इरफान के पिता रमजान शेख की हत्या कर देना चाहते थे। लेकिन 14 वर्ष के इरफान ने बहादुरी का परिचय दिया और आतंकियों को घर के अंदर नहीं दाखिल होने दिया। खतरे के बाद भी इरफान आतंकियों से लड़ते रहे। इस लड़ाई में एक आतंकी ढेर हो गया और इरफान के पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इरफान इसके बाद भी न तो डरे और न घबराए उन्होंने आतंकियों का पीछा किया। बाकी दो आतंकी अपने एक साथी आतंकी की लाश देखकर डर गए थे और भाग खड़े हुए। आतंकियों के पास एके-47 राइफल और ग्रेनेड तक थे लेकिन वे इरफान को डरा नहीं सके। आतंकियों की फायरिंग भी इरफान को डरा नहीं सकी। इरफान बिना हथियार लिए ही उस आतंकी से भिड़ गए जिसने उनके पिता पर गोली चलाई थी।
बता दें कि देश की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है। इरफ़ान के इस कारनामे से पूरा देश सराहना कर रहा है।