नई दिल्ली: अलीगढ़ सिविल कोर्ट के अधिवक्ता संदीप कुमार ने मंगलवार को इतिहासकार इरफान हबीब को उनके एक बयान को लेकर नोटिस भेजा है। दरअसल इतिहासकार इरफान हबीब ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनपढ़ कहा था वहीं, गृहमंत्री अमित शाह को अपने नाम में से शाह हटाने की सलाह दी थी।
वकील संदीप कुमार गुप्ता ने नोटिस में कहा है कि हबीब का एएमयू में सोमवार को दिया भाषण ‘भारत की एकता और विविधता के खिलाफ था और यह इसकी संप्रभुता को भी चुनौती देता है।’
इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने कहा कि इस सीएए से सबसे ज्यादा तकलीफ गरीब, बेमददगार और यतीम पर होगा। हिन्दुस्तान में 30 फीसदी लोग अनपढ़ है, जो कभी स्कूल नहीं गए। ऐसे लोगों पर ही सरकार इस बिल को लागू करेगी। उनका दोष बस इतना होगा कि वह यतीम मुसलमान है। बंगाल में बीजेपी सरकार नहीं बनी क्योंकि नेपाल में ऐसी कम्यूनिटी है, जो यह जानती है कि हमारे पास कोई कागज नहीं है। यह लड़ाई सिर्फ मुस्लमान की नहीं हर उस शख्स के लिए जिसे हिन्दुस्तान से मोहब्बत है।
इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि इरफान हबीब का बयान जहरीला है। नोटिस में कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करें। अगर वे जवाब नहीं दाखिल करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बीते सप्ताह नागरिकता कानून लागू होने के बाद इरफान हबीब का बयान चर्चा में आया था। इरफान हबीब लगातार इस कानून के खिलाफ बोल रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कन्नूर विश्वविद्यालय में पहुंचे हुए थे। उन्हें भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन करना था। समारोह के मुख्य अतिथि खान ने जब संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया तब प्रेक्षागृह में आगे की पंक्ति में बैठे कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया था।