मेहुल चोकसी 13 हजार 500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में वांटेड है। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के डेटाबेस से मेहुल चोकसी को हटाना सीबीआई और ईडी के लिए बड़ा झटका है।
मेहुल चोकसी को दिसंबर 2018 में रेड नोटिस में जोड़ा गया था। भारत सरकार ने इंटरपोल की वॉन्टेड लिस्ट से चोकसी का नाम हटाने का “जोरदार विरोध” किया, लेकिन वैश्विक नीति निकाय आश्वस्त नहीं था। सीबीआई अधिकारियों ने इंटरपोल के फैसले पर पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
चोकसी ने अपने खिलाफ रेड नोटिस जारी करने संबंधी सीबीआई के आवेदन को चुनौती दी थी और इस मामले को राजनीतिक साजिश का नतीजा करार दिया था। चोकसी ने अपनी याचिका में भारत में जेल की स्थिति, उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को भी उठाया था।
195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं। रेड नोटिस जारी होने पर संबधित व्यक्ति को अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकता है। इसके बाद जिस देश में उसे गिरफ्तार किया गया है, उस देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में उसे उस देश के हवाले (प्रत्यर्पण) कर दिया जाता है, जिस देश में वो वांटेड होता है।
बता दें कि मेहुल चोकसी एक इंटरनेशनल हीरा कारोबारी है। उसका हीरा कारोबार इटली, चीन, जापान, हांगकांग, थाईलैंड , अमेरिकी जैसे देशों में फैला है। मेहुल चोकसी गीतांजलि ग्रुप का मालिक है। 5 मई 1959 को गुजरात के व्यापारी चिनुभाई चोकसी के घर उसका जन्म हुआ। चोकसी ने 1975 में जेम्स और डायमंड कारोबार में कदम रखा।