नई दिल्ली, 26 नवम्बर। केन्द्रीय समाजिक न्याय मंत्री डॉ. विरेन्द्र कुमार ने कहा कि जिस तरह से सरदार पटेल ने देश के 600 से ज्यादा रजवाड़ों को एक सूत्र में बांधा वैसे ही डॉ. भीमराव अंबेडकर के मार्ग दर्शन में संविधान निर्माताओं ने कानून से एकीकरण का अदभूत कार्य किया।
इस अवसर पर डॉ. कुमार ने कहा कि हमारे संविधान में राजनीति, आर्थिक, समाजिक, प्रशासनिक और अन्य सभी तरह की व्यवस्थाओं के संचालन का स्वरुप बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में भारतीय जीवन का दर्शन है जिसके अनुरुप अभी हमें बहुत सारा काम करना है। संविधान निर्माताओं ने देश के हर वर्ग, धर्म, जाति एवं प्रांत के लोगों से मिले 7000 से ज्यादा सुझावों को परखने के बाद भारतीय संविधान में हर उस सुझाव को समाहित किया जो हमारी व्यवस्था को बेहतर बनाने में मददगार हो सकता था।
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केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि साल 2015 में जब यह ऐलान किया गया कि अब प्रतिवर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाएगा जिससे लोगों में संविधान के प्रति मान और सम्मान करने की भावना बढ़ेगी लेकिन दुर्भाग्य है इस देश का कि कांग्रेस जैसी पार्टी जिसने 50 वर्षों से अधिक इस देश की सत्ता संभाली, आज संविधान दिवस का बहिष्कार कर रही है। संविधान दिवस राजनीति से परे होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा संविदान दिवस का बहिष्कार करना, बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर तथा लोकतंत्र का अपमान करना है। कांग्रेस ने जब बाबासाहेब जिंदा थे तो उनका अपमान किया और अभी भी उनका अपमान कर रहे हैं जो यह बताता है कि कांग्रेस सिर्फ नेहरु परिवार से संबंधित पुरुषों की जन्मजयंति या पुण्यतिथि मनाएगी, उसके अलावा देश के अन्य महापुरुषों का अपमान करेगी।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि देश में आज भी कुछ ताकते संविधान विरोधी कार्य कर रही है। यहां तक कि आज़ादी के बाद भी कुछ ताकतों द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाई गई, मानवाधिकारों का हनन किया गया, आपातकाल की स्थिति पैदा की गई। लेकिन हमेशा से भाजपा का मानना रहा है कि संविधान सर्वोपरी है।
60 वर्षों तक देश के पिछड़े वर्गों को आर्थिक, मानसिक और समाजिक रुप से छोटा दिखाने का काम करने वाली कांग्रेस समांतवादी तरीके से शासन किया लेकिन कभी भी इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का काम नहीं किया। जो अपने थे सिर्फ उन्हें ही तवज्जों दी गई और उन्हें ही आगे बढ़ाने का काम किया गया और आज वहीं लोग विरोध कर रहे हैं कि संविधान दिवस क्यों मनाया जा रहा है।
श्री गुप्ता ने कहा कि आज दिल्ली में एक ऐसी सरकार है जो संविधान विरोधी कदम उठाने में थोड़ा भी संकोच नहीं करती है। दिल्ली में एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो 26 जनवरी का परेड रोकने से भी नहीं कतराते हैं और तो और राष्ट्रीय तिरंगा का अपमान करने वालों को शह देने का काम करते हैं।