नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत, चीन और रूस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश अपने यहां धूम्रपान करने वालों, औद्योगिक संयंत्रों और कचरे को साफ करने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तीन देशों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये जो कचरा समुद्र में फेंक रहे हैं, वो तैरकर लॉस एंजिल्स में आ रहा है।
उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका इस संधि से पीछे इसलिए हट गया क्योंकि ये एकतरफा,भयावह और आर्थिक रूप से अनुचित थी। उन्होंने कहा कि तीन साल के भीतर अपने व्यवसायों को बंद कर दिया। फ्राक मत करो, ड्रिल मत करो, हम कोई भी ऊर्जा नहीं चाहते हैं। खतरनाक पेरिस जलवायु समझौते ने अमेरिकी नौकरियों को मार दिया और विदेशी प्रदूषक को ढाल दिया।
ट्रंप ने कहा कि कि पेरिस समझौता, अमेरिका के लिए एक आपदा था। उन्होंने आगे कहा कि इस यह सौदा अमेरिका के विनाश के खरबों और खरबों डॉलर का परिणाम होगा। ट्रंप ने दर्शकों के बीच कहा कि यह बहुत अनुचित है। यह चीन के लिए 2030 तक किक नहीं मारता है। रूस 1990 के दशक में वापस चला जाता है, जहां आधार वर्ष दुनिया में सबसे गंदा साल था। भारत, हम उन्हें पैसे देने वाले हैं क्योंकि वे एक विकासशील राष्ट्र हैं। मैंने कहा कि हम भी एक विकासशील राष्ट्र हैं।
उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका इस संधि से पीछे इसलिए हट गया क्योंकि ये एकतरफा,भयावह और आर्थिक रूप से अनुचित थी। उन्होंने कहा कि तीन साल के भीतर अपने व्यवसायों को बंद कर दिया। फ्राक मत करो, ड्रिल मत करो, हम कोई भी ऊर्जा नहीं चाहते हैं। खतरनाक पेरिस जलवायु समझौते ने अमेरिकी नौकरियों को मार दिया और विदेशी प्रदूषक को ढाल दिया।