हाल ही में तुर्की और सीरिया में भूकंप से मची तबाही को देखते हुए भारत सरकार द्वारा भूकम पीड़ितों की भरपूर मदद करने हेतु भारत ने पहल करके दुनियां मे भारतीय मानवता की बेहतरीन मिसाल कायम कर दी है।
जी हाँ इससे पूर्व भारत ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से हिंदुस्तान के सियासी व व्यापारिक संबंध अच्छे ना होने की दशा में भी अफगानिस्तान के भूखमरी और प्राकृतिक आपदा | परिस्थिति में वहां के परेशान लोगों की हिन्दुस्तानी अनाज भेजकर पूरी मदद की थी !
आज जबकि तुर्की में त्रीवता से आए भूकंम ने सैकड़ों बिल्डिंगों को धराशायी करके भारी तबाही मचाकर हजारों जाने ले लिया। सैकड़ों को ज़ख्मी व बेघर कर दिया। एसे में भारत ने तुर्की में तबाही का मंजर, सीरिया में बर्बाद शहर और लोगों को बचाने में सेना माध्यम से मदद की।
तुर्की के लिए राहत सामग्री ले जा रहे भारतीय विमान को पाकिस्तान ने अपने वायु क्षेत्र के इस्तेमाल की इजाजत नही दी, जिसकी वजह से विमान को लंबा रास्ता लेना पड़ा। पाकिस्तान एक तरफ़ खुद को तुर्किये का सच्चा दोस्त बताता है लेकिन जब तुर्की को त्वरित मदद की ज़रूरत है तो पाकिस्तान मदद पहुचाने वाले भारतीय विमानों का रास्ता रोक रहा है। पाकिस्तान की इस नीच वे घिनावनी हरकत को लेकर जितनी आलोचना की जाए कम है। आज दुनिया के समक्ष पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आने पर हर तरफ़ उसकी आलोचना की जा रही है।
ज्ञात हो कि भारत सरकार द्वारा तुर्कीय व सीरिया में घायलों के इलाज के लिए भारतीय सेना 30-30 बेड के फील्ड हास्पिटल तैयार करके भेज रही है। जबकि उधर सेना के आगरा स्थित हास्पिटल से एक दल तुर्किये मे 30 बिस्तरों वाला फील्ड हास्पिटल तैयार करके पहुंच चुका है।
इस दल में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट और सर्जन सहित 45 सदस्यीय मेडिकल वायु सेना के सी 17 ग्लोबल 3 विमान से दुसरा दल भी मंगलवार को रवाना हो गया। दोनों दलों के साथ एक्सरे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट मशीन , ऑपरेशन थियेटर से जुड़े सभी उपकरण भेजे गए है। जबकि दवाओं और राहत सामग्री के साथ सी – 130 सुपर हर्क्युलिस विमान सीरिया के दमिश्क जाने के लिए तैयार है। सेना के आगरा फ़ील्ड हास्पिटल से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि सेना की चिकित्सा सेवा के कुल 89 सदस्यों को भेजना तय हुआ है, जो 30-30 बेड वाले दो फ़ील्ड हास्पिटल तैयार करेगी।
भारत से राहत और बचाव के लिए अदाना पहंचा भारतीय दल द्वारा भारत ने तुर्किये को दो विमानों के जरिये राहत सामग्री और बचाव वे रहात दल भेजा है। इसमे सेना वे NDRF के कुल 146 जवान शामिल हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर जी के कथानुसार भारत की तरफ से NDRF का 50 सदस्यीय पहला दल सोमार को ही तुर्किये रवाना कर दिया गया था।
इसके बाद मंगलवार को एनडीआरएफ के 59 वे सेना के 45 जवान रवाना हुए। NDRF की टुकड़ी का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं। दल में डाक्टर, पैरामेडिक्स वे डॉग स्क्वॉडकुल शामिल हैं। इसके अलावा मलबे में दबे लोगों को खोजने और उनको बचाने के सभी आवश्यक उपकरण भी हैं। चौथा विमान फील्ड अस्पताल के शेष हिस्से के साथ तुर्किये (तुर्की) के लिए रवाना हुआ।
इसमें भारतीय सेना की चिकित्सा टीम के 54 सदस्यों के साथ-साथ सुविधा स्थापित करने के लिए चिकित्सा और अन्य उपकरण शामिल थे. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 6 टन आपातकालीन राहत सहायता लेकर IAF का एक विमान सीरिया के लिए रवाना हो गया है।
इस खेप में जीवन रक्षक दवाएं और आपातकालीन चिकित्सा सामग्री शामिल हैं। भारत इस त्रासदी से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। भारत के इस सराहनीय कदम से तुर्कीये वे सीरिया तथा अन्य देशों के लोगों मे भारत के प्रति स्नेह वे भाईचारगी बढ़ेगी, तुर्की व भारत के रिश्ते मजबूत होगें ।