भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय योजना) का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना लोगों को सशक्त बनाने में मदद करेगी।
न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से बातचीत के दौरान राजन ने कहा कि इस योजना का डिटेल क्या होगा, यह मायने रखता है। यह योजना एक ऐड-ऑन की तरह होगा या जो अभी मौजूदा चीजें हैं उसके विकल्प के तौर पर? हम गरीबों तक कैसे इस योजना को लेकर जाएंगे?
उन्होंने कहा कि हमने समय के साथ देखा है कि लोगों को सीधे पैसा देना अक्सर उन्हें सशक्त बनाने का एक तरीका है। वे उस धन का उपयोग उन सेवाओं के लिए कर सकते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसी कौन सी चीजें या योजनाएं (सब्सिडी) हैं जिन्हें प्रक्रिया में प्रतिस्थापित किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो महीने में 12000 रुपए से कम आय वाले परिवारों को सालाना 72 हज़ार रुपए यानी हर महीने छह हज़ार रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। कांग्रेस की इस घोषणा को बीजेपी जनता के साथ धोखा बता रही है।
इसके साथ ही आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने लीक हुई NSSO की जॉब्स रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि युवाओं को नौकरियों की तलाश है।
भारत में अच्छी नौकरियों की बड़ी किल्लत है। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी के मुद्दे पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही, जिसके चलते लंबे समय से नौकरियों के आंकड़े बहुत खराब हैं।
राजन ने कहा कि हमें इनमें सुधार करने की ज़रूरत है। ईपीएफओ या अन्य मेक-अप संस्करणों पर भरोसा नहीं कर सकते, बेहतर रोजगार डेटा इकट्ठा करने की ज़रूरत है। यह कहना चिंताजनक है कि लोग नौकरी नहीं चाहते हैं। कुछ आंदोलन इस तथ्य के रिफ्लेक्शन हैं कि युवा नौकरियों की तलाश में हैं, खासकर सरकारी नौकरियां क्योंकि सरकारी नौकरियों में सुरक्षा का भरोसा होता है।