नई दिल्ली: 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग को लेकर आज कई संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। आदिवासी और दलित अधिकार संगठनों ने 5 मार्च (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है।
भारत बंद का आह्वान करने वाले इन संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए दो अध्यादेश लेकर आए जिनपर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का असर पड़ा है। एक अध्यादेश आदिवासियों के वन अधिकारों से संबंधित है जबकि दूसरा यूजीसी फैकल्टी के पदों में सही प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराने को लेकर है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला हुआ है।
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज और लखनऊ में रोकी ट्रेन, सपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के इंजन पर चढ़कर नारेबाजी की।
भारत बंद के समर्थन में लालू प्रसाद यादव का ट्वीट, ‘देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अस्तित्व पर ख़तरा मंडरा रहा है। आदिवासियों की ज़मीने छिनी जा रही है। संविधान के साथ छेड़छाड़ कर वंचित वर्गों का आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। दलितों पर उत्पीड़न बढ़ गया है। RSS की जातिवादी नीतियों को लागू किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, जबतक पासवान जी और नीतीश जी जैसे लोग RSS के पालने में खेलते रहेंगे तबतक संविधान की जगह मनुस्मृति मानने वाले लोग दलितों-पिछड़ों के आरक्षण की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते रहेंगे। BJP दिनदहाड़े वंचितो की नौकरियाँ और आरक्षण समाप्त कर रही है और ये उनका गुणगान कर रहे है।
जबकि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और शरद यादव की पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
आज बुलाए गए भारत बंद में आदिवासी अधिकार आंदोलन, ऑल इंडिया अम्बेडकर महासभा और संविधान बचाओ संघर्ष समिति जैसे संगठन हिस्सा लेंगे
इन संगठनों द्वारा साथ ही ये भी मांग की जा रही है कि सरकार संविधान में अनुच्छेद 312 के तहत भारतीय न्यायिक सेवाओं की स्थापना करे, ताकि उच्च न्याय व्यवस्था में एससी-एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं का समावेश सुनिश्चित हो सके।