नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद से लगातार पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ताजा मामला दिल्ली प्रदेश कांग्रेस से जुड़ा है, जहां पार्टी के दिग्गज नेता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको के खिलाफ आवाज बुलंद की गई है। दिल्ली कांग्रेस में नेताओं के एक वर्ग ने दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको को हटाने की मांग की है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई, ऐसे में पार्टी के अंदर विरोध के सुर उठे हैं।
कांग्रेस नेता रोहित मनचंदा ने कहा, “पीसी चाको के नेतृत्व में पार्टी को हाल के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ, 2015 के विधानसभा चुनाव और 2017 के एमसीडी चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने के बारे में सोच सकते हैं, तो चाको को भी क्या अपने पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए।” उनके इस विचार का पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी समर्थन किया है। इन नेताओं ने कहा कि चाको को पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी पार्टी की हार पर इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया था।
2003 में साकेत सीट से महज मात्र 116 वोटों से दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने वाले रोहित मनचंदा ने आरोप लगाया, “पीसी चाको ने शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में उनके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया। उन्होंने कहा, “मैं उनका अभिवादन करने के लिए वहां गया था, लेकिन उन्होंने मुझ पर हमला किया और कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मेरे जैसे नेताओं को दिल्ली कांग्रेस में रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मांग करता हूं कि उनकी जगह किसी दूसरे नेता को प्रदेश प्रभारी बनाया जाए।”
दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको पर पार्टी नेताओं के एक धड़े ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में चुनाव पूर्व गठबंधन पर लंबे समय तक चर्चा ही चलती रही, लेकिन फैसला लेने बहुत देर लग गई। इसकी वजह से दिल्ली में पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा में भी देरी हुई, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा।