नई दिल्ली: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को मानवाधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण श्रंखला ने हमें फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम एक समाज के रूप में समान अधिकारों और महिलाओं की समान गरिमा के अपने दृष्टिकोण पर कायम हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध की घटनाएं देश के कई हिस्सों में होती हैं यह केवल एक देश तक सीमित नहीं है।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हाल ही के दिनों में हुई कुछ घटनाओं ने हमें इस पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। देश के कई हिस्सों से महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों की घटनाएं सामने आई हैं। ये किसी एक स्थान और राष्ट्र तक सीमित नहीं हैं।
बता दें कि ओडिशा के भुवनेश्वर में 8 दिसंबर को उत्कल यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे थे। इस दौरान भीड़ में खड़े एक शख्स पर जाकर उनकी नजर टिक गई। यह शख्स और कोई नहीं बल्कि उनका बरसों पुराना दोस्त था। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद ने मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को अपने दोस्त को स्टेज पर लाने का कहा। इसके बाद जब राष्ट्रपति का दोस्त मंच पर पहुंचा तो राष्ट्रपति ने उसे गले से लगा लिया। इसे देखकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए।
मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्याय की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी के लिए न्याय सुलभ होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्या हम, सभी के लिए न्याय सुलभ करा पा रहे हैं?’ साथ ही उन्होंने न्याय प्रक्रिया के खर्चीला होते जाने की बात भी की।