यौन उत्पीड़न मामले में फंसे बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पीड़िता और उसके परिवार ने एसआईटी को चिन्मयानंद के खिलाफ एक-दो नहीं, बल्कि 43 वीडियो सौंप दिए हैं और स्वामी को ‘ब्लैकमेलर’ कहा है। सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता ने कहा, “चिन्मयानंद ने ही नहाते समय का मेरा (पीड़िता) वीडियो अपने विश्वासपात्र से तैयार करवाया था। वीडियो हाथ लगते ही चिन्मयानंद ने मुझे ब्लैकमेल कर हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया।”
उसने बताया कि चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज में ही वो और लड़की साथ पढ़ते थे। उसका कहना है कि लड़की से उसकी दोस्ती हुई तो वो उससे अपने दुख-सुख साझा करने लगी। पीड़िता ने उसे स्वामी के बारे में बताया। लड़की के दोस्त ने कहा कि स्वामी जी ने उसको नौकरी दी, हॉस्टल में उसको कमरा भी दिया। खाना-रहना भी फ्री करवा दिया। इससे वो खुश थी। लेकिन उसको पता नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है? उसने बताया कि लड़की जब बाथरूम में नहाने गई तो चिन्मयानंद ने अपने ही किसी आदमी से गुपचुप तरीके से उसका वीडियो बनवा लिया। इसे ही दिखा कर चिन्मयानंद पीड़िता का लगातार शोषण करता रहा। उसने कहा कि उसने (पीड़ित छात्रा) जो आरोप लगाए हैं, वो सत्य हैं।
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एसआईटी ने पीड़ित पक्ष की तरफ से मुहैया कराए गए वीडियो और बाकी अन्य तमाम सीलबंद चीजों को फॉरेंसिक टीम के हवाले कर दिया है, ताकि 23 सितंबर को जब एसआईटी मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट की निगरानी पीठ के सामने पेश हो, तब वहां वह सब कुछ साफ-साफ बता सके।
गौरतलब है रि मामले का भंडाफोड़ होने के शुरुआती दौर से ही पीड़ित परिवार यूपी पुलिस पर स्वामी चिन्मयानंद की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का आरोप लगाने लगा रही है। गौर करने वाली बात यह भी है कि इतने हाईप्रोफाइल मामले में नियमानुसार प्रतिदिन पुलिस-ब्रीफिंग की भी मीडिया उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन पुलिस ने पहले दिन से लेकर शनिवार तक पूरे प्रकरण में एक भी अधिकृत जानकारी मीडिया को नहीं दी है।