नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने चुनाव के बाद बनने वाले राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की है। जानकारी के मुताबिक, नायडू ने 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की योजना पर भी गांधी से बात की है। सभी चरणों का मतदान खत्म होने और चुनाव के नतीजे आने से दो दिन पहले एनडीए के बाहर के सभी दलों के साथ यह बैठक बुलाई जा सकती है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद टीडीपी के प्रमुख नायडू पश्चिम बंगाल पहुंचें हैं। यहां वो तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में रैलियां करेंगे और ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि नायडू विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि चुनाव बाद सरकार बनाने की संभावना तलाशी जा सके। सात चरणों में हो रहे 17 वीं लोकसभा के चुनाव के लिए आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है। इसके बाद 23 मई को नतीजे आएंगे। कई राजनीतिक के जानकार इस बात का दावा कर रहे हैं कि इस दफा किसी भी पार्टी का बहुमत तक पहुंचना मुश्किल है।
टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू विपक्ष को एकजुट करन की कोशिश में तो हैं लकिन उनका कहना है कि वो पीएम रेस से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे में पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा या फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार विपक्ष की ओर से पीएम पद के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं।
एक इंटरव्यू में नायडू ने कहा कि मैं यहां केवल चीजों को आगे बढ़ाने के लिए हूं ना कि मैं खुद पीएम रेस में हूं। दशकों पहले मुझे प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया गया था तब भी मैने ना कहा था। मैं आज भी अपने रुख पर कायम हूं। मैं उस समय संयुक्त मोर्चा का संयोजक था। 1995-96 में मुझे देवेगौड़ा के चयन और इंदर कुमार गुजराल के चयन से पहले दो बार मुझे प्रधानमंत्री बनने का ऑफर मिला। फिर देवेगौड़ा से पूछा था वह अनिच्छुक थे। जिसके बाद हम लोगों ने ज्योति बसु को चुना लेकिन उनकी पार्टी ने ना कह दिया।