नई दिल्ली : पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए, ढाका के नेशनल परेड स्कवॉयर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना.
मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था, साथ ही उन्होंने बांग्लादेश की आजादी में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया.
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पीएम मोदी ने कहा बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था, तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है.
उसी दौर में छह दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहूति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, हम इतिहास को भी एक नई दिशा देने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था, आजादी के समर्थन में मैंने गिरफ्तारी दी थी और जेल भी जाने का अवसर आया था.
पीएम मोदी ने कहा बांग्लादेश के मेरे भाइयों और बहनों को, यहां की नौजवान पीढ़ी को मैं एक और बात बहुत गर्व से याद दिलाना चाहता हूं, बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था.
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पीएम मोदी ने कहा कि यहां के लोगों और हम भारतीयों के लिए आशा की किरण थे- बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रॉहमान, बॉन्गोबौन्धु के हौसले ने, उनके नेतृत्व ने ये तय कर दिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को ग़ुलाम नहीं रख सकती.
पीएम मोदी ने ने कहा कि यह हमारे लिये गर्व की बात है कि हमें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का अवसर मिला.