नई दिल्ली: हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरे’प के आरोपियों के एनका’उंटर के बाद वामपंथी नेता कविता कृष्णन ने हैदराबाद पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कविता कृष्णन ने कहा कि यह न्याय नहीं है बल्कि एक चाल है ताकि पुलिस, न्यायपालिका, सरकार की जिम्मेदारी ना तय की जा सके। बजाए इसके कि सरकार महिलाओं के अधिकार को सुरक्षित करती, पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में अपनी विफलता की जिम्मेदारी लेती, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और उनकी पुलिस ने मॉब लिंचर की तरह काम किया।
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठ’भेड़ की जांच की जानी चाहिए। उनके अलावा कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनका’उंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।’
सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस पर मुकदमा दर्ज किया जानिए और पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। महिला के नाम में कोई भी पुलिस एनकाउंटर करना गलत है।
ओबेराॅय ने किया समर्थन
बॉलीवुड सेलेब्स में भी इस केस की चर्चा हुई और इसी के चलते विवेक ओबेरॉय ने ट्वीट कर कहा ये उन सभी लोगों के साथ होना चाहिए जो रे’प जैसा घिनोना काम करने का सोचते भी हैं। विवेक ओबेरॉय आगे लिखते हैं कि वही जगह, उसी समय के आस-पास, आरोपियों के साथ जो हुआ अच्छा हुआ। ये सही मायने में जस्टिस है।
क्या होता है घटना का रिकंस्ट्रक्शन?
बता दें कि पुलिस केस की छानबीन और सबूत जुटाने के लिए वारदात की जगह पर ‘वारदात कैसे घटी’, इसके लिए घटना का रिकंस्ट्रक्शन करती है। वारदात की जगह आरोपियों को भी ले जाया जाता है ताकि वह बताए कि उन्होंने वारदात को कैसे अंजाम दिया। पुलिस ये सब इसलिए करती है ताकि उसकी तरफ से केस मजबूत हो और वह अदालत में केस से जुड़े सभी पहलुओं को रख सके।