नयी दिल्ली: आज भारत में 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। दुनियाभर में फैले कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से आत्मनिर्भर भारत का विजन रखा। हालांकि, इस बार लाल किले के नजारा बाकी सालों के मुकाबले थोड़ा अलग दिखा। लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए नज़र आये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 86 मिनट के लंबे भाषण में कोरोना वैक्सीन से लेकर नई साइबर सुरक्षा नीति और पड़ोसियों के साथ मजबूत रिश्तों को लेकर भारत के नजरिए को दुनिया के सामने रखा।
इस दौरान उन्होंने डिजिटल हो रहे भारत के साथ वोकल फॉर लोकल की वकालत की। सबसे खास बात ये हैं कि पीएम मोदी का साल 2015 में भी 86 मिनट का ही राष्ट्र के नाम संबोधन था।
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2014 में पहली बार जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे उस वक्त लेकर 2020 तक कब-कब कितनी देर उन्होंने लाल किले से भाषण दिया, आइये बताते हैं-
15 अगस्त साल 2014 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने पहली बार लाल किले की प्रचारी से 65 मिनट का लंबा भाषण दिया था। और उसके बाद 15 अगस्त 2015 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण 86 मिनट 20 सेकंड का था।
साल 2016 में पीएम मोदी का राष्ट्र का नाम लाल किले से सबसे लंबा संबोधन था। उन्होंने 94 मिनट तक देश को संबोधित किया था। और 2017 में प्रधानमंत्री मोदी का 57 मिनट का भाषणा था। जो बाकी सालों के मुकाबले सबसे छोटा संबोधन था।
साल 2018 में पीएम मोदी ने 82 मिनट का लंबा भाषण लाल किला से दिया था। जबकि, पिछले साल 2019 में उन्होंने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 92 तक देश को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना को विश्व-कल्याण से जोड़ते हुए ‘मेक इन इंडिया के साथ ‘ मेक फार वर्ल्ड का नया नारा दिया जिसमें देश को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग चेन के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभारने का संकल्प है।
मोदी ने आर्थिक नीतियों में सुधार, कारोबार की सुगमता और अर्थव्यवस्था आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए 110 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजना पाइपलाइन (एनआईपी) विकसित करने जैसे सरकार की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए आज जरूरी आत्म विश्वास से भरा हुआ है।
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मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत की तरफ देख रही हैं।
सरकार के सुधारों के परिणाम दिख रहे हैं और पिछले साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनियों ने कोराना संकट के दौरान भी भारत में भारी पूंजी निवेश किया है।